Arz Kiya Hai

Aadha sher humne arz kiya hai,
Barabar ka hissa, mehfil se liya hai.

Friday, March 23, 2007

क्या फिर कभी आऐगा
वो हँसता हुआ सुकून
मस्तमौला आँखें
वो मन बहकाता जुनून?

ये पल अभी ना गुज़रे
कुछ यादें निचोड़ लूँ
अपने नसीब के बिखरे
कुछ टुकड़े तो जोड़ लूँ