क्या फिर कभी आऐगा
वो हँसता हुआ सुकून
मस्तमौला आँखें
वो मन बहकाता जुनून?
ये पल अभी ना गुज़रे
कुछ यादें निचोड़ लूँ
अपने नसीब के बिखरे
कुछ टुकड़े तो जोड़ लूँ
वो हँसता हुआ सुकून
मस्तमौला आँखें
वो मन बहकाता जुनून?
ये पल अभी ना गुज़रे
कुछ यादें निचोड़ लूँ
अपने नसीब के बिखरे
कुछ टुकड़े तो जोड़ लूँ
2 Comments:
did you write this yourself :p really nice! shayari kab se?
thanks... yes did write it myself :p kabhi kabhi sher ched lete hain ;) a few friends and i decided to start this blog been contributing on and off since then..
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