Arz Kiya Hai

Aadha sher humne arz kiya hai,
Barabar ka hissa, mehfil se liya hai.

Thursday, November 17, 2005

शराब बोल रही है
पैमाना कह रहा है
अपनी राह चल ऐ राही
वक्त का तराना बह रहा है

Sunday, November 13, 2005

किसी का कहा कुछ यूँ कह गया
हमारा अाखरी विश्वास ढह गया
ग़लती से कहते थे नेक खुदको
एक बदचलन का किस्सा रह गया

Tuesday, November 01, 2005

मन की शांती, अात्म विश्वास
देवों की कृपा अौर अनंत हर्ष
रोशनी अपार अौर कुल का प्यार
रहें अापके संग यह पूरे वर्ष

अाशा है अाप का अस्तित्व
दीपों समान उज्वल हो जाए
महफिल को हमारी अोर से
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ