क्या फिर कभी आऐगा
वो हँसता हुआ सुकून
मस्तमौला आँखें
वो मन बहकाता जुनून?
ये पल अभी ना गुज़रे
कुछ यादें निचोड़ लूँ
अपने नसीब के बिखरे
कुछ टुकड़े तो जोड़ लूँ
वो हँसता हुआ सुकून
मस्तमौला आँखें
वो मन बहकाता जुनून?
ये पल अभी ना गुज़रे
कुछ यादें निचोड़ लूँ
अपने नसीब के बिखरे
कुछ टुकड़े तो जोड़ लूँ